हिमाचल का कश्मीर चितकुल
भोर भयो कल रात में एक अनिश्चित आश्रय मिलने के बाद चीजें काफी सरल हो गईं थीं। भारी भीषण बारिश में रुकने के प्रबंध ना होने के कारण शायद हालत कितने बत्तर हो जाते इस बात की कल्पना भी नहीं की जा सकती। गरम पानी की जब जरूरत महसूस हुई तो आंटी जी ने गरमा …