दुनिया का सबसे ऊंचा पेट्रोल पंप
मेरा मन प्यासा पिछले रास्ते से तीन बुद्ध मूर्तियां देखने को मिलीं। जो आगे वाले हिस्से से बिल्कुल भी नहीं दिखाई पड़ रहीं थीं। इन्हे देख के लग रहा है एक भव्य भवन बनाने की योजना है यहाँ पर। प्यास भी लग आईं। पानी के लिए जब बोतल पर हाँथ पड़ा तो वो खाली निकली। पास में ही बने मजदूरों के भवन से शायद पानी की व्यवस्था हो जाए। इसी आस में भवन के पास आ खड़ा हुआ। पर यहाँ तो अलग ही सन्नाटा छाया हुआ है ऊपर से घोर अंधेरा। मुड़ कर वापस चलने ही वाला था कि अचानक से एक महाशय प्रकट हुए जिन्होंने उनकी कुटिया में आने का कारण पूछा। प्यास की इच्छा को पूरा करने का मेरा उद्देश्य जानने के बाद उन्होंने अपने पीने वाले स्त्रोत से पानी निकाल कर दिया। पानी जैसे ही मूह में भरा मानो पूरा जबड़ा जाम हो गया हो। इतना ठंडा जिसकी कोई हद्द नहीं है। निवेदन करते हुए थोड़ा काम ठंडा पानी पीने की इच्छा ज़ाहिर की तो मालूम पड़ा इससे गरम पानी यहाँ उपलब्ध …