अनोखी 360° सिरोलसर झील
निकलने की तैयारी रात को भले ही देरी से सोया लेकिन जल्दी उठने में कोई कसर नहीं छोड़ी। बस पकड़ने के लिए मैं समय पर उठ गया। मोबाइल में समय देखा तो अभी चार बज रहे हैं। हिमाचल में एक दफा बस छूटी तो समझो पूरा दिन बर्बाद। ये तीन चार घंटे की नींद ले कर खुद को तसल्ली दी। उठ जा ऐश्वर्य, हम बस में सो लेंगे। मन ने बात भी बड़ी जल्दी मान ली। मैट पर से उठ ही रहा हूँ कि तभी अलार्म बज उठा। अलार्म बजने से पहले उठना आज की पीढ़ी के लिए किसी उपलब्धि से कम नहीं। अलार्म बजा तो लगा मानो बम फटा हो। नींद ना खुली हो होश आया हो। बस छूटने और दिन की बर्बादी से बचने के लिए नींद भंग करना बहुत जरूरी है। इस विचार मात्र से पूरे शरीर में बिजली दौड़ गई हो। फटाफट बोरिया बिस्तर समेट कर बैग में डाला। रातभर ऊनी मोजे टोपा सब बाहरी ही पड़ा रहा। मैट, चादर सब लपेट कर बैग में एडजस्ट कर दिया। बैग टांगा और …